Month: October 2021

पाठविधिः

साधक स्नान करके पवित्र हो आसन-शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके शुद्ध आसन पर बैठे; साथ में शुद्ध जल, पूजन-सामग्री और श्रीदुर्गासप्तशती की पुस्तक रखे। पुस्तक को अपने सामने काष्ठ आदि…

अथ सप्तश्‍लोकी दुर्गा

शिव उवाच देवि त्वं भक्तसुलभेसर्वकार्यविधायिनी।कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायंब्रूहि यत्नतः॥ देव्युवाचश्रृणु देव प्रवक्ष्यामिकलौ सर्वेष्टसाधनम्।मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते॥ विनियोगःॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्‍लोकीस्तोत्रमन्त्रस्यनारायण ऋषिः,अनुष्टुप्‌ छन्दः,श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः,श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्‍लोकीदुर्गापाठे विनियोगः। ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसिदेवी भगवती हि सा।बलादाकृष्य मोहायमहामाया…

गुरु सेवा उपदेश

मैं अपने माता-पिता,शरीर धारी गुरु और चारों पीठों पर विराजमान आदि गुरु शंकराचार्य जी को प्रणाम  करके गुरु की महिमा का वर्णन करता हूं! प्रथम गुरु मनाऊं मैं और मैं…

error: Content is protected !!