Day: August 31, 2020

गीता का श्लोक ७/७ एवं अद्वैत मत

गीता का श्लोक ७/७ एवं अद्वैत मत का समर्थन नहीं करता है। यह श्लोक इस प्रकार है।मत्तः परतरं नान्यत्किञ्चिदस्ति धनञ्जय।मयि सर्वमिदं प्रोतं सूत्रे मणिगणा इव॥भावार्थहे धनंजय! मुझसे भिन्न दूसरा कोई…

श्रीवैष्णो चालीसा

॥ दोहा॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम।।॥ चौपाई ॥नमो: नमो: वैष्णो वरदानी,कलि काल मे शुभ कल्याणी।मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी,पिंडी रूप में हो अवतारी॥देवी देवता…

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