श्रीनवग्रह चालीसा
॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥जय जय रवि शशि सोम,बुध गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह,करहुं अनुग्रह आज॥॥चौपाई॥॥श्री सूर्य स्तुति॥प्रथमहि…
॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥जय जय रवि शशि सोम,बुध गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह,करहुं अनुग्रह आज॥॥चौपाई॥॥श्री सूर्य स्तुति॥प्रथमहि…
॥ दोहा॥मूर्ति स्वयंभू शारदा,मैहर आन विराज।माला, पुस्तक, धारिणी,वीणा कर में साज॥॥ चौपाई ॥जय जय जय शारदा महारानी,आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता,तीन लोक महं तुम विख्याता॥दो सहस्त्र वर्षहि…
जय जय तुलसी माता,सब जग की सुखदाता।॥ जय जय तुलसी माता।।सब योगों के ऊपर,सब लोगों के ऊपर,रुज से रक्षा करके भव त्राता।॥ जय जय तुलसी माता।।बटु पुत्री है श्यामा,सूर बल्ली…