संस्कृत भाषा ऐसे अनेक क्षेत्रों में अन्यतम है – डा॰ आशीष पांडेय
संस्कृत भाषा केवल विचार सम्प्रेषण का माध्यम ही नहीं है।सभी भाषाएँ में उस भाषा के बोलने वाले लोगों के आचरण, परम्पराओं और संस्कृति की वाहक भी रहती हैं। जो लोग…
संस्कृत भाषा केवल विचार सम्प्रेषण का माध्यम ही नहीं है।सभी भाषाएँ में उस भाषा के बोलने वाले लोगों के आचरण, परम्पराओं और संस्कृति की वाहक भी रहती हैं। जो लोग…
भगवद्गीता का बारहवाँ अध्याय भक्तियोग के नाम से प्रसिद्ध है। यह भगवद्गीता के अठारह अध्यायों में से सर्वाधिक लोकप्रिय अध्यायों में परिगणित है। आकार की दृष्टि से भले ही यह…
कुदरत ने हमको दी हैंअनंत संपदा अनंत संपदाइनके बिना ना जीवनजी पाएगा कोई भीहम सबको संभालनी हैये अनंत संपदा ये अंनत संपदापेड़ों बिना न जीवनकोई पा सके जहां मेंअन्न,फल, फूल,…
मुदा करात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकंकलाधरावतंकसकं विलासिलोकरंजकम्अनायकैकनायकं नमामि तं विनायम्नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायम्नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरंनमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम्सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरंमहेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम्समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुंजरंदरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम्कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करंमनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम्अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनंपुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम्प्रपंचनाशभीषणं…
जो भी मनुष्य ऊँचे कर्म या सर्वोत्तम कर्म करते हैं वे कहीं न कहीं आध्यात्मिकता से जुड़े हुए होते हैं, उनमें कहीं न कहीं आध्यात्मिक अंश,सात्विक अंश अवश्य सामान्य मनुष्य…